14 May, 2017

धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) PART : 01



धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) PART : 01


यह आलेख मैं 2 भागों में पूर्ण करूँगा। प्रथम भाग में धन शोधन के सम्बंध में विस्तृत जानकारी साझा करूँगा। आगामी भाग में भारत सरकार के उन प्रयासों को आपके सामने लाने का प्रयास करूंगा जो धन शोधन को रोकने के लिए उठाए गए हैं या उठाये जाने हैं।


धन शोधन होता क्या है ?
  • साधारण शब्दों में धन शोधन व प्रक्रिया है जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति आय के वास्तविक स्रोत को बदल कर दिखाता है, इसमें यह दिखाने की कोशिश की जाती है कि आय का स्रोत वैधानिक है जबकि वह मूलतः अवैधानिक होता है। व्यवहारिक रूप से अपराध की निरन्तरता के लिए यह ज़रूरी है की संबंधित अपराधी अपने आय के मूल स्रोत को छुपाने में कामयाब हो तथा उसकी यह धारणा बन जाए कि अपराध करने से लाभ होता है।
  • धनशोधन करने वाले लोग मुख्यतः नशे से जुड़े व्यवसाय, माननीय अंगों के व्यापार करने वाले, ह्यूमन ट्रैफिकिंग में संलिप्त लोग, सोने हीरे की तस्करी करने वाले, हथियारों की तस्करी करने वाले, वित्तीय घोटाले करने वाले बड़े-बड़े संस्थान, भ्रष्ट नेता, अधिकारीगण इत्यादि शामिल होते हैं।

धन शोधन की प्रक्रिया क्या रहती है ?




                                                   धनशोधन के अंतर्गत अवैधानिक स्रोतों से प्राप्त आय को वैधानिक सतों से प्राप्त आय के रूप में दिखाने के लिए एक निश्चित प्रक्रिया का अनुकरण किया जाता है। इस प्रक्रिया को तीन बड़ी अवस्थाओं में विभक्त किया जा सकता है -


1. प्लेसमेंट :

  • इस अवस्था में संशोधन करने वाले लोग अवैधानिक स्त्रोतों से प्राप्त मुद्रा जिसे डर्टी मनी कहते हैं, को वैधानिक वित्तीय संस्थाओं में प्रवेश करवाते हैं। 
  • यह सामान्यता बैंकों में नकदी जमा के रूप में होता है। 
  • यह सर्वाधिक जोखिम वाली अवस्था होती है क्योंकि नकदी को कोई भी बैंक पकड़ सकता है। लेकिन बैंकों की सांठ-गांठ के चलते अगर बैंक अधिकारी धनशोधनकर्ता के साथ हो जाए तो पकड़ना मुश्किल हो जाता है।


2. लैएरिंग (स्तरीकरण) :
  • संसाधन से जुड़ी यह जटिल प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत एक बैंक से दूसरे बैंक में स्थानांतरण या एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरण, या बार-बार धन को जमा करवाना और उसे वापस करवाना या धन की मुद्रा को बदलना या अधिक मूल्य की वस्तु को खरीदना इत्यादी प्रकार की गतिविधियों को संपन्न किया जाता है। 
  • जिससे मुद्रा के वास्तविक स्रोत को ढका (लैएरिंग) जा सके। यह प्रणाली भी एक जटिल प्रणाली होती है।


3. इंटीग्रेशन :

  • इस अवस्था में डर्टी मनी को एक साफ-सुथरा रूप देते हुए मुख्य अर्थव्यवस्था में किसी लेन-देन के माध्यम से उतारा दिया जाता है इस अवस्था में अपराधी पकड़ में आए बिना मुद्रा का खुलकर प्रयोग करता है।


:: सामान्यतः शोधनकर्ता द्वारा अपनायी जाने वाली धन शोधन की विधियां ::



एक धनशोधन करता अपने धन को वैधानिक रुप देने के लिए कई विधियों का पालन कर सकता है जैसे -
  • अलग-अलग बैंकों में अलग अलग खाते खुलवा कर बड़ी धनराशि को छोटी-छोटी जमाव के रूप में अलग-अलग स्थानों पर रखता है ताकि वह पकड़ में नहीं आए इस तकनीकी को Smurfing या Structuring कहा जाता है।
  • बेनामी बैंकिंग के अंतर्गत एक व्यक्ति विदेशों में जहां कर संबंधी छूट हो जैसे मॉरीशस, सिंगापुर, हांगकांग, पनामा, वर्जिन आयलैंड, स्विजरलैंड, साइमन, आईलैंड इत्यादि में बैंक खाता खुलवाना है। जो कि विभिन्न जानकारियों को सुरक्षित रखते हैं।
  • एक व्यक्ति वैकल्पिक बैंकिंग प्रणाली अर्थात् अनौपचारिक व्यवस्था का प्रयोग भी कर सकता है। अनौपचारिक व्यवस्था में हवाला का उदाहरण लिया जा सकता है। अर्थात् हवाला के जरिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर धन स्थानांतरण करता है।
  • धन शोधन से संबंधित लोग कई झूठी कंपनियां अर्थात् सेल कंपनी का निर्माण करते हैं जो वास्तव में अस्तित्व में नहीं होती लेकिन काले धन को सफेद धन करने के लिए गठित की जाती है। इन कंपनियों के जरिए विभिन्न प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं का लेनदेन एवं भुगतान प्रदर्शित करके अपने उस अवैधानिक धन को वैधानिक रूप देने की कोशिश की जाती है। हाल ही में विमुद्रीकरण के समय ऐसी कई कंपनियों की पहचान इनकम टैक्स विभाग ने की।
  • धनशोधन से जुड़े व्यक्ति वास्तविक एवं वैधानिक फार्म स्थापित करके उसके अंतर्गत वैधानिक रूप से धन को निवेश करके अपने अवैधानिक धन को वैधानिक रूप देने का प्रयास करता है।

उक्त प्रक्रियाओं द्वारा धन शोधन कार्य संपादित किया जाता है



:: धन शोधन के प्रभाव :: 


धनशोधन के परिणाम स्वरूप राष्ट्र की अर्थव्यवस्था पर विभिन्न प्रकार के नकारात्मक प्रभाव देखे जा सकते हैं। विभिन्न प्रकार के सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक दुष्परिणाम उत्पन्न होते हैं जैसे -
  • आर्थिक अपराध के लिए प्रेरणा मिलती है और अवैधानिक गतिविधियों को और बढ़ावा मिलता है।
  • धन शोधन के कारण अपराधिक संगठन आर्थिक एवं राजनीतिक व्यवस्था पर अपनी पकड़ बना सकते हैं जिससे प्रजातांत्रिक मूल्यों का क्षरण हो सकता है।
  • विकासशील राष्ट्रों के अधिक प्रभावित होने की संभावना बनी रहती है। इसका कारण यह है कि ये राष्ट्र वित्तीय क्षेत्र सुधारों में नए हैं एवं विभिन्न प्रकार के नियंत्रण को विकसित करने की व्यवस्था में चल रहे हैं।
  • धन शोधन के कारण छोटे व्यवसाय पर विपरीत असर पड़ता है। बड़े व्यवसाय में डर्टी मनी की प्रयोग की संभावना अधिक होती है ऐसी स्थिति में ये मुनाफा कमाने में अधिक दिलचस्पी नहीं रखेंगे। वह अपनी वस्तु को कम कीमत पर बेचना चाहेंगे जिससे छोटे व्यवसाय को नुकसान हो सकता है।
  • डर्टी मनी के अधिकार आगमन से अर्थव्यवस्था में झूठी मांग का निर्माण होता है। उस मांग की अचानक गायब होने की संभावना होती है।
  • धन शोधन के कारण संबंधित राष्ट्र में कर सुधारों को लागू करने में भी कठिनाई होती है।
  • धन शोधन के कारण एक देश के पूंजीगत प्रवाह में उतार-चढ़ाव बढ़ जाते हैं इस कारण विनिमय दर भी अस्थिर हो जाती है जो समष्टिगत आर्थिक संकट पैदा कर सकती है।

धन्यवाद

No comments: