RAS प्रारंभिक परीक्षा : समग्र रणनीति
अभ्यर्थियों की मांग के अनुरूप में आज का आलेख लिख रहा हूँ। आलेख लिखने से पूर्व अभ्यर्थियों को कुछ बाते बताना चाहूंगा जिनको ज़हन में रखकर अभ्यर्थी अपनी तैयारी प्रारम्भ करें -
- सर्वप्रथम अपने आपको मानसिक रूप से तैयार कर ले की आप RAS की तैयारी कर रहे हैं या प्रारम्भ करने जा रहे हैं।
- उसके बाद प्रारम्भिक परीक्षा एवं मुख्य परीक्षा का पाठ्यक्रम प्रिंट करवाकर स्टडी टेबल पर चस्पा कर दे या उसकी एक अलग फ़ाइल बना दे तथा उस पाठ्यक्रम को प्रति दिन अच्छे से देखें, इससे न केवल आंतरिक जोश बना रहेगा बल्कि टॉपिक चयन में भी मदद मिलेगी साथ ही साथ हमेशा मानसिक रूप से भी प्रेरित होंगे।
- पाठ्यक्रम के बाद उस हेतु गुणवत्ता युक्त तथा उपयोगी सामग्री खरीद के लाए, ध्यान रहे यहाँ गुणवत्तापूर्ण युक्त समग्र की बात कर रहा हूँ न कि अधिक सामग्री की। गुणवत्ता से तात्पर्य किसी कोचिंग के नोट्स से नहीं है, इसका तात्पर्य सन्दर्भ पुस्तक से है। सनद रहे किसी भी कोचिंग के नोट्स आपको मदद नहीं करेंगे यह अलग बिंदु है कि अगर आपने स्वयं ने क्लासेज अटेंड की हो और स्वयं के हैंड नोट्स हैं तो फ़ायदेमंद हो सकते हैं। अतः मेरी सलाह यह है कि किसी के भी नोट्स मत पढ़ो क्योंकि वो कभी पूर्ण नहीं होते, जिस अभ्यर्थी ने वो नोट्स बनाये हैं वो उसके ख़ुद के लिए बनाए थे ना कि आपके लिए।
- सामग्री लाने के बाद आप मासिक टाइम टेबल बनाये। कभी भी अपने आप को घण्टो में न बांधे। जैसे आपने टाइमटेबल बना दिया कि 7 बजे उठना फिर 3 घण्टे अर्थशास्त्र फिर 2 घण्टे ये विषय वो विषय, ऐसे टाइम टेबल कभी नहीं बनाने चाहिए क्योंकि अगर एक जगह भी टाइम टेबल मिस कर गए तो पूरा दिन खराब हो जाएगा। अतः मासिक समयसारिणी बनाये तथा साप्ताहिक कार्यक्रम पर अपनी तैयारी को निर्धारित करें। जैसे प्रथम सप्ताह यह पढ़ना, द्वितीय सप्ताह यह... इसका फायदा यह है कि अगर एक दिन कहीं इधर उधर हो भी जाओ तो दूसरे दिन भरपाई कर सकते हो।
- समय सारणी निर्माण के बाद आगामी 5 महीने के लिए अपने आपको तैयारी में समर्पित कर दें, क्योंकि बिना समर्पण के कभी आप गति और नियमितता में नहीं आ पाओगे न ही पाठ्यक्रम पूर्ण हो पाएगा, गति और नियमितता के अभाव में आप आंतरिक रूप से टूट जाओगे आपकी आगामी तैयारी बुरी तरह से प्रभावित होगी और हौसला और मनोबल गिर जाएगा। अतः 5 घण्टे ही सही मगर नियमितता बहुत जरूरी है, और नियमितता के लिए समर्पण जरूरी है।
- अपनी तैयारी के दौरान केवल ऐसे लोगों से सम्पर्क रखे जो आपसे ज्यादा बुद्धिजीवी हो जिससे आपको कुछ सीखने को मिले। सोशल मीडिया से जहां तक सम्भव हो दूरी बनाए रखें लेकिन बदलते परिदृश्य में यह दूरी सम्भव नहीं है ऐसे में दिन में दो या तीन बार ही अपना फ़ोन चेक करें। फ़ेसबुक में केवल ऐसे मित्रों को ही फॉलो करें जो ज्ञानवर्धन लिखते हो बाकी सभी को अनफॉलो करना चाहिए। साथ ही साथ सरकारी विभाग, मंत्रालय, संगठन तथा समाचार पत्रों के पेज को फॉलो करना चाहिए।
- अगर सम्भव हो तो ग्रुप डिस्कशन अवश्य करे। इससे नवीन विचारों का उद्भव होता है जो कि मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार के लिए जरूरी होगा।
- जिस दिन तैयारी प्रारंभ करो उसी दिन से समसामयिकी का अध्ययन प्रारंभ कर दो, बहुत अच्छा रहेगा कि आप एक अलग रजिस्टर रखो जिसमें अखबार से प्रतिदिन कम से कम एक न्यूज आप सारगर्भित तरीके से लिख सको।
- अखबार के अलावा कोई एक मासिक पत्रिका का गहन अध्ययन नियमित रूप से जरूरी है। हिंदी माध्यम वालों के लिए दृष्टि पत्रिका बेस्ट विकल्प है।
अब आता हूँ इस प्रश्न के उत्तर पर कि तैयारी कैसे करनी है ?
अधोलिखित बातों को ज़हन में बिठाने के बाद अब आप अपने आपको तैयारी में झोंक दे, इस हेतु मासिक समयसारणी तय करें। मैं आपको प्रथम 5 महीने का कार्यक्रम बताना चाहूंगा जिसका अनुसरण आप कर सकते हैं।
प्रथम माह :
- आप नियमित रूप से 8-10 घण्टे अध्ययन करें। इस दौरान समसामयिकी (2-3 घण्टे) तथा राजव्यवस्था का अध्ययन करें।
- राजव्यवस्था के यह टॉपिक आपको मुख्य परीक्षा (75 अंक) एवं प्रारंभिक परीक्षा (50 अंक) में समान रूप से मदद करेंगे।
- राजव्यवस्था के नोट्स बनाने का प्रयास कभी नहीं करना चहिये, क्योंकि जो दो पुस्तके में बताने वाला हूँ वह अपने आप में ही महत्वपूर्ण हैं।
- राजनीति के लिए आप दो पुस्तकें पढ़ें -
1. भारतीय राजव्यवस्था - M लक्ष्मीकांत
2. राजस्थान राजव्यवस्था - जनक सिंह मीणा
द्वितीय माह :
- इस माह में समसामयिक की साथ भूगोल को पढ़ लेना चाहिए।
- भूगोल का पाठ्यक्रम मुख्य परीक्षा के अनुरूप पढ़ना चाहिए। जिससे मुख्य परीक्षा (65 अंक) एवं प्रारम्भिक (40 अंक) दोनों परीक्षाओं में फायदा होगा।
- इस हेतु आप निम्न पुस्तकों के अध्ययन को वरीयता दें -
1. भौतिक भूगोल - साविन्द्र सिंह ( केवल वही टॉपिक जो पाठ्यक्रम में हैं, टॉपिक को 2-3 बार पढ़ लें और अगर सम्भव हो तो नोट्स जरूर बना ले ताकि बार बार पुस्तक पढ़नी नहीं पड़ेगी)
2. भारत का भूगोल - बौद्धिक प्रकाशन
3. राजस्थान का भूगोल - हरि मोहन सेक्सेना
तीसरा माह :
- इस माह में समसामयिक के साथ अर्थव्यवस्था को शामिल करें। इससे 70 अंक मुख्य परीक्षा तथा करीबन 40 अंक प्रारंभिक परीक्षा में सुलभ होंगे।
- आप अर्थव्यवस्था के नोट्स बना सकते हैं।
- इस हेतु में आपको 3 सन्दर्भ बताना चाहूंगा जिसका अध्ययन आपकी तैयारी को पूर्ण करेगा -
1. 12th NCERT : समष्टि अर्थशास्त्र की पासबुक जिसके लेखक ओहरी हैं , जरूर पढ़ें। इसके अलावा बाजार में दत्त एवं सुंदरम, मिश्रा पूरी, रमेश सिंह तथा लाल एवं लाल जैसी अनेकों पुस्तकें एवं कोचिंग के नोट्स आते हैं ये पुस्तकेें एवं नोट्स पढ़ना व्यर्थ है।
2. भारत का आर्थिक सर्वेक्षण - इसका मूल रूप के अध्ययन के बजाय दृष्टि का आर्थिक सर्वेक्षण सारांश बहुत ही उपयोगी है।
3. राजस्थान आर्थिक सर्वेक्षण : मूल रूप से पढ़े, बहुत ही उपयोगी होगा।चौथा माह :
- इस माह में आप समसामयिक के साथ इतिहास एवं संस्कृति के भाग को लें।
- चूंकि प्रारभिक परीक्षा का पाठ्यक्रम विभाजित नहीं है इसलिए आप मुख्य परीक्षा के अनुसार यह भाग तैयार करें। इससे आपको 75 अंक मुख्य परीक्षा तथा 40 अंक प्रारम्भिक परीक्षा में मदद मिलेगी।
- इस हेतु में निम्न सन्दर्भ बताना चाहूंगा -
2. राजस्थान इतिहास - 9th से 12th तक राजस्थान अध्ययन तथा शर्मा एवं पावा की पुस्तक। यह पुस्तक अपने आप मेें पर्याप्त है।
पांचवा माह :
- इस माह में समसामयिक के अलावा आप विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा गणित, रीजनिंग का भाग पूर्ण कर सकते हैं।
- यह भाग भी मुख्य परीक्षा के अनुसार तैयार करें।
- इस हेतु आप निम्न पुस्तकों का सहारा ले सकते हैं -
1. सामान्य विज्ञान - लुसेंट या बौद्धिक प्रकाशन की
2. विज्ञान प्रौद्योगिकी - परीक्षा वाणी
3. गणित एवं रीजनिंग - RS अग्रवाल
निष्कर्ष :
प्रत्येक महीने के समाप्त होने के बाद सम्बन्धित विषय का दुहराव आगामी महीने में अवश्य करें। अगर आप उक्त रणनीति को 5 माह फॉलो करते हो तो 5 माह बाद आपका प्रारम्भिक परीक्षा का पाठ्यक्रम पूर्ण तथा मुख्य परीक्षा का 60% पाठ्यक्रम पूर्ण हो जाएगा। इस 5 महीनों के बाद आप इसी कार्यक्रम को पाक्षिक रूप से तय कर दे जिससे आपका दुबारा पाठ्यक्रम 2 महीने एवं 15 दिन में ही हो जाएगा। उसके बाद यह पाठ्यक्रम साप्ताहिक रूप से लागू कर दे जब तक सफल न हो जाओ तब तक। इस प्रकार 1 वर्ष में आपका पाठ्यक्रम 4-5 बार पूर्ण होगा। अगर इतना कर पाते हैं तो आपको 1 वर्ष में RAS बनने से कोई रोक नहीं सकता।
No comments:
Post a Comment