आज में सभी मेरे पाठकों को कृष्ण कुमार जी से रूबरू करवाने जा रहा हूँ। उन्होंने अपने तैयारी के प्रत्येक पड़ाव पर जिस स्तर तक महसूस किया है हर एक बात को अपनी ज़ुबान से व्यक्त किया है , उन्ही लफ़्ज़ों को इस आलेख के माध्यम से आप तक पहुंचा रहा हूँ।
Hello दोस्तो नमस्कार
आज मैं श्री गणपत सिंह जी को इस के माध्यम से बधाई देना चाहता हूं की उन्होंने अपने व्यस्त समय मे भी इस तरह का सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए समान रूप से लाभदायक पोर्टल बनाया है।
आज मैं भी आपसे इसके माध्यम से कुछ share करना चाहता हूँ
साथियों मैं अपनी ओर से आप सभी के लिए कुछ विशेष सुझाव देना चाहता हूं जो निम्न प्रकार से हैं
साथियों मैं आप सभी से यह कहना चाहता हूं कि जो गणपत सिंह जी ने जो प्रयास किया है इसमें मैं भी जो सहयोग होगा मैं अवश्य करुंगा लेकिन फिलहाल मैं UPSC परीक्षा में बिजी हूं लेकिन आप से शीघ्र ही मिलना होगा और पेपर सेकंड और पेपर 4 के लिए मैं विशेष सामग्री आपके लिए जरूर तैयार करूंगा
परिचय
नाम-कृष्ण कुमार स्वामी
पिता का नाम-श्री प्रहलाद सहाय स्वामी
Dob-23 aug 1990
10th-राजकीय स्कूल 84% 2004
12th- राजकीय स्कूल 62%(phy chem math) 2006
बीएससी-2009 राजकीय महाविद्यालय कोटपूतली 70%
MA( हिस्ट्री)-2014 प्राइवेट 48%
Hello दोस्तो नमस्कार
आज मैं श्री गणपत सिंह जी को इस के माध्यम से बधाई देना चाहता हूं की उन्होंने अपने व्यस्त समय मे भी इस तरह का सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए समान रूप से लाभदायक पोर्टल बनाया है।
आज मैं भी आपसे इसके माध्यम से कुछ share करना चाहता हूँ
- जो भी साथी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पहली बार कर रहे है या इस क्षेत्र में नए है ,उनसे मैं कहना चाहूंगा कि आप जिस भी क्षेत्र की exams की तैयारी करने चाहते है पहले उसका syllabus और लगने वाला संभावित समय देख ले ,उसके बाद यदि आप कम्फ़र्टेबल महसूस करते हो तो तैयारी में जुट जाएं सफलता आपका इंतजार कर रही है ।
- जिन साथियों ने पहले से किन्हीं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी दो या 3 वर्ष तक की है और अपेक्षित सफलता प्राप्त नहीं हुई है वो दोबारा से अपनी तैयारी को रिव्यू करें और पता करने की कोशिश करें की कहां कमी रह गई ।
- अब मैं आपको अपने 5 वर्ष के प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुभव को शेयर करना चाहता हूं ।
- साथियों मैं 2008 इसे इस क्षेत्र में लगातार कार्यरत हूं प्रत्येक साधारण छात्र की तरह मैं भी कक्षा 10 तक सरकारी विद्यालय में अध्ययन करने वाला बालक था ,कक्षा 10 सन 2004 में 84 पर्सेंट से उत्तीर्ण करने के बाद मुझे लगा की अब मुझे सब कुछ अच्छे से याद है लेकिन 2006 में गणित ऐच्छिक विषय के साथ मुझे मात्र 62% मार्क्स मिले इसका मुख्य कारण मेरा ओवरकॉन्फिडेंस था क्योंकि मुझे यह पता ही नहीं था कि 80 से कम प्रतिशत भी मिलती है और नतीजा यह रहा कि गणित में मैं बमुश्किल पास ही हो सका लेकिन अन्य साधारण विद्यार्थियों की तरह मैं घबराया नहीं और मैंने यह सोचा कि जो भी होता है अच्छा ही होता है अतः परसेंटेज कम होने के कारण IIT करने की तो हिम्मत ही नहीं थी इसलिए B.Sc में प्रवेश ले लिया ।
- लेकिन BSC में प्रवेश के साथ ही यह भी प्रण लिया कि जो गलतियां पूर्व में हो चुकी हैं उनको ना दोहराते हुए अपनी कमजोरियों पर ध्यान देना है इसी का परिणाम रहा कि मुझे बीएससी में 65% अंक प्राप्त हुए ।लेकिन मुझे लगता है की कक्षा 12 में अंक कम प्राप्त होने का मुझे कहीं ना कहीं फायदा भी हुआ क्योंकि कॉलेज में मेरा प्रवेश अंतिम स्थान पर हुआ था और जो लोग मेरे से बहुत ज्यादा मार्क से ऊपर थे ,वो ओवरकॉन्फिडेंस कॉलेज में आकर हुए और मैं यह अनुभव पूर्व में ही ले चुका था ।
- साथियों मेरा कहने का तात्पर्य यह है कि आप गलती नहीं करें यह हो ही नहीं सकता लेकिन आप उसको सुधारे नहीं और उसको जिंदगी भर अपने साथ लेते रहें तो आप खुद का नुकसान कर रहे हैं।
- B.Sc करते समय ही मुझे कहीं ना कहीं कक्षा 12 में कम अंकों का दबाव महसूस होता था,और यही कारण था कि मैं किताबों में ज्यादा समय गुजारने लगा ।
- वह भी एक दौर था जब मैं पहली बार गांव से कस्बे में आया था प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आने वाली कई पत्र पत्रिकाओं को खंगालना प्रारंभ किया और मेरी खोज प्रतियोगिता दर्पण पर जाकर समाप्त हुई उसको ला करके मैंने 2006 से पढ़ना प्रारंभ किया और आज तक मैं उसका अध्ययन कर रहा हूं ,यह वह पत्रिका है जिसका मेरे व्यक्तित्व में और अध्ययन में अभूतपूर्व योगदान है आप पत्रिका के नाम पर नहीं जा कर के किसी भी अन्य पत्रिका से ऐसी सहायता ले सकते हैं लेकिन यह परम आवश्यक है
- BSC करने के बाद मुझे MSC में भी प्रवेश मिला लेकिन मैं उसको बीच में B.Ed की और चला गया, B.Ed करने के दौरान ही में जयपुर में कोचिंग क्लासेज में अध्ययन करने लगा और उसका उसका फायदा मुझे 1 साल में ही मिला और मैं दिल्ली मेट्रो में चयनित होने में सफल रहा ।अभी तक मैं भी एक आम ग्रामीण छात्र की तरह मात्र जीवन का चरम लक्ष्य एक नौकरी प्राप्त करना ही समझता था लेकिन यह मेरा अंतिम स्थान नहीं था इसीलिए दिल्ली में सर्विस के दौरान ही यह लगने लगा कि हम और भी आगे कुछ कर सकते हैं।
- मैंने वहां पर देखा कि मेरा एक साथी 2012 Ras के लिए कुछ नोट्स पढ़ रहा था जब मैंने उससे पूछा कि यह कौन सी एग्जाम के लिए तैयारी कर रहे हो उसने कहा कि यह RAS के लिए मैं प्रिपरेशन कर रहा हूं, जब मैंने उससे पूछा कि इसमें क्या-क्या आता है तो उसने मुझे बताया कि ऑप्शनल सब्जेक्ट इसमें होते हैं ,।
- इसी दौरान second grade teacher में मैं चयनित होने में सफल रहा,
- दिल्ली जैसे शहर से छोड़कर के फिक्स वेतन 11000 पर आना मेरा सबसे कठिन निर्णय था और मेरे घर से 600 किलोमीटर दूर आना और भी कठिन कार्य था ,लेकिन मैंने लक्ष्य बनाया कि RAS बनना है तो फिर 600 किलो मीटर दूर हो या घर पर हो फर्क क्या पड़ता है ।
- उसी समय 2013 RAS के स्लेबस के बारे में कुछ कुछ अखबार में आना प्रारंभ हो चुका था जब मैंने देखा कि सिलेबस अपने अनुकूल है तो बस तैयारी में जुट गया लेकिन साथियों सर्विस के दौरान एक साल में ही धैर्य जवाब दे गया और परीक्षा हुई नहीं , औऱ सोचा कि यह तो जोश था यहां आ गए अब ठीक है टीचर की नौकरी बढ़िया है ।
- ट्रांसफर के चक्कर में मैं कई जगह जाता रहा लेकिन किसी ने भी ट्रांसफर करने का आश्वासन नहीं दिया और ना ही मेरा ट्रांसफर हुआ ।मेरे पास में कोई रास्ता नहीं था फिर निर्णय लिया कि RAS को देखेंगे लेकिन साथ-साथ m.a. प्राइवेट हिस्ट्री से कर ली जिसमें मात्र 48 परसेंट मार्क्स मिले ,
- 2013 RAS प्री में सफलता मिली लेकिन वह कोर्ट के द्वारा रद्द कर दी गई , इसका परिणाम यह हुआ कि मैं इस के चक्कर में 2014 में lecturer bhi pass नहीं कर पाया लेकिन फिर भी मुझे फर्स्ट पेपर में 105 नंबर प्राप्त हुए लेकिन धीरे-धीरे कुछ ना कुछ करंट अफेयर्स को मैंने नहीं छोड़ा और कुछ ना कुछ पढ़ता रहा।
- नवंबर 2015 में स्कूल व्याख्याता परीक्षा विज्ञापन आने पर यह निर्णय लिया कि स्कूल व्याख्याता परीक्षा में उचित रैंक पर चयनित हुआ जाए ,इसी के प्रयास में मैं जयपुर कोचिंग करने स्प्रिंग बोर्ड अकैडमी में चला गया ।
- यहां यह उल्लेखनीय है कि मैं गणित का स्टूडेंट हूं और ma में मेरी परसेंटेज इसी कारण से कम थी लेकिन अपनी कमजोरी को भी अपनी ताकत बनाएं तो कुछ भी संभव है ।
- 2013 Ras pre का परिणाम आ चुका था।मैंने सोचा की शाम को इतिहास की कोचिंग कर रहे हैं ,जयपुर में आए हैं तो साथ-साथ RAS की भी तैयारी कर ही लें और मैं शाम को कोचिंग इतिहास व्याख्याता की और सुबह कोचिंग RAS मेंस की करता था।
- साथियों आप अनुमान लगा सकते हैं कि एक साथ 2-2 परीक्षाओं की तैयारी और 10 घंटे तक कोचिंग के बाद आदमी कितना थक सकता है लेकिन फिर भी मैंने जी तोड़ मेहनत की इसी का परिणाम रहा की मुझे इतिहास व्याख्याता परीक्षा में 33 रैंक और RAS 2013 में 109 रैंक प्राप्त हुई।
साथियों मैं अपनी ओर से आप सभी के लिए कुछ विशेष सुझाव देना चाहता हूं जो निम्न प्रकार से हैं
- द्वितीय श्रेणी अध्यापक परीक्षा के सब्जेक्ट की तैयारी करने वाले साथियों से मेरा विशेष अनुरोध है कि आप प्रतिदिन सिलेबस के अनुसार एक ऑब्जेक्टिव टेस्ट जरूर दें इससे आप परीक्षा हॉल में अपने आपको कंफर्टेबल महसूस कर पाएंगे साथ ही आपका स्कोर10 प्रश्न कम से कम जरूर बढ़ेगा
- अध्यापक परीक्षा के परीक्षार्थी कक्षा 9 10 11 12 की पुस्तकों के महत्वपूर्ण बिंदु यदि पुस्तक से पढ़ना संभव नहीं हो तो भी रिफ्रेशर या पासबुक से एक-एक लाइन के सभी आंसर कंठस्थ करके अन्य प्रतियोगी परीक्षार्थियों से 5 प्रश्न तक आगे बढ़ा सकते हैं।
- Ras परीक्षा 2017की तैयारी करने की इच्छा रखने वाले सभी साथी गणपत सिंह जी के द्वारा दिए गए प्लान के अनुसार अपनी तैयारी प्रारंभ कर सकते हैं लेकिन कुछ इसमें सुझाव निम्न प्रकार से हैं।
- क्योंकि ras परीक्षा में राजस्थान सामान्य ज्ञान सामान्य स्तर का ही पूछा जाता है अतः आप इस के लिए केवल एक प्रमाणिक पुस्तक जैसे लक्ष्य पर निर्भर रह सकते हैं लेकिन उसमें आपको पूरा का पूरा कोर्स कई बार यहां तक कि 50 बार रिवाइज करना पड़ेगा ,यदि आप इतना कर लेते हैं तो आपको कोई भी राजस्थान सामान्य ज्ञान पुस्तक पढ़ने की आवश्यकता नहीं है।
- अखबार से आप नोट्स अवश्य बनाएं इस के बराबर कोई भी गाइड या पुस्तक करंट अफेयर्स की बराबरी नहीं कर सकती साथ ही आप अपने ज्ञान को निरंतर परिष्कृत करते हुए रिवाइज करते हुए और भी ज्यादा प्राप्त करने हेतु ऑल इंडिया रेडियो द्वारा सायंकालीन समाचार को प्रतिदिन सुनें यदि संभव हो तो बीबीसी भी सुन सकते हैं।
- राष्ट्रीय करंट अफेयर्स एवं समसामयिक मुद्दों हेतु दृष्टि करेंट अफेयर्स टुडे हिंदी मीडियम और इंग्लिश मीडियम दोनों में उपलब्ध है यदि आप इसे अध्ययन करते हैं तो आपको कोई अन्य राष्ट्रीय स्तर की पत्रिका पढ़ने की आवश्यकता नहीं है और यह मुख्य रूप से मेंस के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद है।
- राजस्थान सामान्य ज्ञान के लिए आप मूमल राजस्थान और दैनिक भास्कर पर निर्भर रह सकते हैं यदि आप इतना करेंगे तो आपका काम आसानी से चल जाएगा।
- विज्ञान के लिए आप केवल और केवल एनसीईआरटी बुक्स और लुसेंट पर निर्भर रह सकते हैं साथ ही अन्य सभी विषयों के लिए भी आप NCERT को ही आधार मानकर के तैयारी करेंगे ,संभव हो तो इसके लिए कोचिंग भी की जा सकती है क्योंकि इसमें एक माह में आपको बहुत ही अच्छी तरीके से रिवाइज करवा सकते हैं लेकिन यदि आप समझते हैं कि वहां शुरुआत करेंगे ,तो मुझे लगता है कि थोड़ा सा ज्यादा मेहनत आपको करनी पड़ेगी इसीलिए आप NCERT बुक से अपना बेस बनाएं और संभव हो तो आप कोचिंग भी ले ले।
- पेपर सेकंड और पेपर फॉर इस परीक्षा की रीड हैं यदि आप इन पेपरों से कंफर्टेबल महसूस नहीं करते हैं तो आप को अधिकतम अभ्यास करना होगा क्योंकि इन दोनों में अधिकतम अभ्यास ही सफलता की कुंजी है।
- Ras परीक्षा में आप किसी भी बड़े भाग को छोड़कर के सफलता प्राप्त नहीं कर सकते कई अभ्यर्थी गलती करते हैं कि मैं इंग्लिश को छोड़कर के या गणित को छोड़ कर के या साइंस को छोड़ कर के सफलता प्राप्त कर सकता हूं इसकी संभावना आपके लिए बहुत ही कम है।
साथियों मैं आप सभी से यह कहना चाहता हूं कि जो गणपत सिंह जी ने जो प्रयास किया है इसमें मैं भी जो सहयोग होगा मैं अवश्य करुंगा लेकिन फिलहाल मैं UPSC परीक्षा में बिजी हूं लेकिन आप से शीघ्र ही मिलना होगा और पेपर सेकंड और पेपर 4 के लिए मैं विशेष सामग्री आपके लिए जरूर तैयार करूंगा
धन्यवाद
परिचय
नाम-कृष्ण कुमार स्वामी
पिता का नाम-श्री प्रहलाद सहाय स्वामी
Dob-23 aug 1990
10th-राजकीय स्कूल 84% 2004
12th- राजकीय स्कूल 62%(phy chem math) 2006
बीएससी-2009 राजकीय महाविद्यालय कोटपूतली 70%
MA( हिस्ट्री)-2014 प्राइवेट 48%
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