अजीब समस्या के भंवर में ब्रिटेन
(ब्रिटेन-जिब्राल्टर- स्पेन )
आज आपको जिब्राल्टर मुद्दे पर उत्तपन हुए विवाद जो कि ब्रिटेन एवं स्पेन के मध्य है, को आपके सामने रखना चाहूंगा।
®#जिब्राल्टर_अवस्थिति-
जिब्राल्टर यूरोप महाद्वीप के दक्षिण में अवस्थित ओवेरियन प्रायद्वीप का दक्षिण भाग हैं । स्पेन के साथ अपनी उत्तरी सीमा साझा करता है। जिब्राल्टर के पूर्व में भूमध्य सागर तथा पश्चिम में एल्जेसियर्स की खाड़ी अवस्थित है । करीबन 7 वर्ग किलोमीटर में उत्तर दक्षिण फैला यह चट्टानी क्षेत्र करीबन 40000 की जनसंख्या को आवासित किये हुए है जिनमें 2% हिन्दू भी हैं।(मानचित्र सलंग्न)
®#राजनैतिक_एवं_ऐतिहासिक_स्थिति-
यह क्षेत्र प्रारंभ में स्पेन का हिस्सा था । वर्ष 1704 में जब स्पेन में गृह युद्ध एवं उत्तराधिकारी युद्ध की दशाएँ उत्तपन हुई तब अंग्रेजों व डचों की सेना ने स्पेन में शांति व्यवस्था स्थापित की तथा इसके बदले इन्होंने जिब्राल्टर पर अपना कब्जा जमा दिया । वर्ष 1713 में ब्रिटिश सरकार ने स्पेन के शासक के साथ उट्रेट्स की संधि करके जिब्राल्टर पर अपना वैधानिक नियंत्रण स्थापित कर दिया और इस प्रकार 1713 से जिब्राल्टर इंग्लैंड का एक स्वायत्त प्रांत बन गया है, जोकि वर्तमान तक बना हुआ है ।
स्पेन ने कई दफा विरोध भी किया कि जिब्राल्टर उसका अभिन्न हिस्सा था लेकिन ब्रिटेन ने हथिया लिया है। अतः ब्रिटेन को अपना नैतिक दायित्व समझ कर जिब्राल्टर स्पेन को सुपुर्द कर देना चाहिए। वैश्विक दबाव को देखते हुए जिब्राल्टर में दो बार वर्ष 1967 तथा 2002 में जनादेश(Referendum) भी हुआ लेकिन जिब्राल्टर की जनता ने ब्रिटेन के साथ रहने के पक्ष में मतदान किया । ऐसी स्थिति में स्पेन के पास कोई हक़ नहीं रहा कि जिब्राल्टर पर अपना हक जताए।
स्पेन ने कई दफा विरोध भी किया कि जिब्राल्टर उसका अभिन्न हिस्सा था लेकिन ब्रिटेन ने हथिया लिया है। अतः ब्रिटेन को अपना नैतिक दायित्व समझ कर जिब्राल्टर स्पेन को सुपुर्द कर देना चाहिए। वैश्विक दबाव को देखते हुए जिब्राल्टर में दो बार वर्ष 1967 तथा 2002 में जनादेश(Referendum) भी हुआ लेकिन जिब्राल्टर की जनता ने ब्रिटेन के साथ रहने के पक्ष में मतदान किया । ऐसी स्थिति में स्पेन के पास कोई हक़ नहीं रहा कि जिब्राल्टर पर अपना हक जताए।
®#जिब्राल्टर_इतना_महत्त्वपूर्ण_क्यों ?
★जिब्राल्टर महत्वपूर्ण स्थान इसलिए रखता है, कि यह सामरिक रूप से तथा भू राजनीतिक रुप से महत्वपूर्ण स्थान पर अवस्थित है । तटीय क्षेत्र होने के कारण ब्रिटेन इसके अनन्य आर्थिक क्षेत्र(EEZ) का उपयोग करके सागरीय संशाधनों का दोहन तो करेगा ही साथ साथ भूमध्य सागर से आर्थिक नियंत्रण भी स्थापित किये हुए है।
★ जिब्राल्टर के दक्षिण में जिब्राल्टर की जलसंधि अवस्थित है जोकि ना केवल अटलांटिक महासागर को भूमध्य सागर से जोड़ती है बल्कि अफ्रीका महाद्वीप को यूरोप महाद्वीप से भी जोड़ती है । इसकी महत्ता को देखते हुए इसे भूमध्य सागर की कुंजी भी कहा जाता है ।
★ ब्रिटिश सरकार ने जिब्राल्टर में अपने कई नौसैनिक अड्डे बना रखें जिसके जरिए वह न केवल दक्षिणी यूरोप पर बल्कि अफ्रीका पर भी अपना नियंत्रण स्थापित करता था ।
★स्वेज नहर के खुलने के बाद जिब्राल्टर का महत्व और बढ़ गया क्योंकि संपूर्ण ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्वी एशिया ,मध्य एशिया इत्यादि का यूरोप के साथ व्यापार इसी रास्ते से होता है ।
★ ऑनलाइन गैंबलिंग, पर्यटन तथा संशाधनों की दृष्टि से भी जिब्राल्टर महत्वपूर्ण स्थान रखता हैं।
★ जिब्राल्टर के दक्षिण में जिब्राल्टर की जलसंधि अवस्थित है जोकि ना केवल अटलांटिक महासागर को भूमध्य सागर से जोड़ती है बल्कि अफ्रीका महाद्वीप को यूरोप महाद्वीप से भी जोड़ती है । इसकी महत्ता को देखते हुए इसे भूमध्य सागर की कुंजी भी कहा जाता है ।
★ ब्रिटिश सरकार ने जिब्राल्टर में अपने कई नौसैनिक अड्डे बना रखें जिसके जरिए वह न केवल दक्षिणी यूरोप पर बल्कि अफ्रीका पर भी अपना नियंत्रण स्थापित करता था ।
★स्वेज नहर के खुलने के बाद जिब्राल्टर का महत्व और बढ़ गया क्योंकि संपूर्ण ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्वी एशिया ,मध्य एशिया इत्यादि का यूरोप के साथ व्यापार इसी रास्ते से होता है ।
★ ऑनलाइन गैंबलिंग, पर्यटन तथा संशाधनों की दृष्टि से भी जिब्राल्टर महत्वपूर्ण स्थान रखता हैं।
®#चर्चा_में_क्यों?#समाधान_क्या ?
इन महत्वों को देखते हुए ब्रिटिश कभी नहीं चाहेगा कि जिब्राल्टर उसके हाथ से निकल कर स्वतंत्र हो जाए या स्पेन के अधीन चला जाए । हाल ही में जब ब्रेग्जिट पर मतदान हुआ तो अजीब स्थिति उभरकर तब सामने आई जब ब्रिटेन की 52 प्रतिशत जनता ने ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से बाहर रखने के पक्ष में मतदान किया, वही जिब्राल्टर की जनता ने ब्रिटेन को यूरोपीय संघ में बने रहने के पक्ष में मतदान किया ।
ऐसी स्थिति में मुद्दा यह बनता है कि जब जिब्राल्टर के नागरिक यूरोपियन संघ से बाहर नहीं होना चाहते तो केवल ब्रिटेन के बाहर होने से जिब्राल्टर के नागरिकों को यूरोपियन यूनियन से क्यों बाहर किया जाए? चूंकि जिब्राल्टर का स्वतंत्र अस्तित्व नहीं है इसलिए जिब्राल्टर हमेशा ब्रिटेन के माध्यम से ही यूरोपियन संघ का हिस्सा बना रहा।
अब ब्रिटेन के समक्ष समस्या यह है कि वह जिब्राल्टर के नागरिकों की पसंद को ध्यान में रखते हुए उनके साथ कैसा बर्ताव करें ? स्पेन भी इस मांग को दुहरा रहा है कि अब समय आ गया है जब जिब्राल्टर को अपने पैतृक देश स्पेन के अधीन कर दिया जाए।
ऐसी स्थिति में मुद्दा यह बनता है कि जब जिब्राल्टर के नागरिक यूरोपियन संघ से बाहर नहीं होना चाहते तो केवल ब्रिटेन के बाहर होने से जिब्राल्टर के नागरिकों को यूरोपियन यूनियन से क्यों बाहर किया जाए? चूंकि जिब्राल्टर का स्वतंत्र अस्तित्व नहीं है इसलिए जिब्राल्टर हमेशा ब्रिटेन के माध्यम से ही यूरोपियन संघ का हिस्सा बना रहा।
अब ब्रिटेन के समक्ष समस्या यह है कि वह जिब्राल्टर के नागरिकों की पसंद को ध्यान में रखते हुए उनके साथ कैसा बर्ताव करें ? स्पेन भी इस मांग को दुहरा रहा है कि अब समय आ गया है जब जिब्राल्टर को अपने पैतृक देश स्पेन के अधीन कर दिया जाए।
मेरे (Ganpat Singh) मतानुसार उक्त समस्या के निम्न दो समाधान हो सकते है-
■मोरक्को स्थित सुअटा का क्षेत्र जोकि स्पेन के अधीन है ब्रिटेन को देकर , जिब्राल्टर को स्पेन को सुपुर्द कर देना चाहिए ,ताकि दोनो देश भी संतुष्ट हो जाएंगे और विवाद भी समाप्त हो जाएगा, लेकिन स्पेन सुअटा क्षेत्र देने में बिल्कुल भी इच्छुक नहीं है ऐसे में यह समाधान सम्भव नहीं लग रहा।
■ जिब्राल्टर में स्पेन और ब्रिटेन दोनों को समान अधिकार दे देना चाहिए तथा जिब्राल्टर के नागरिकों को स्पेन और ब्रिटेन दोनों की नागरिकता मिलनी चाहिए । इस मत पे ब्रिटेन स्वीकृति कभी नहीं देना चाहेगा।
■ जिब्राल्टर में स्पेन और ब्रिटेन दोनों को समान अधिकार दे देना चाहिए तथा जिब्राल्टर के नागरिकों को स्पेन और ब्रिटेन दोनों की नागरिकता मिलनी चाहिए । इस मत पे ब्रिटेन स्वीकृति कभी नहीं देना चाहेगा।
ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि ब्रिटेन आगे कौन सा रास्ता अपनाएगा ।।
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