21 April, 2017

भारतमाला एवं सागरमाला (PART :02)


सागरमाला परियोजना



परिचय :-

  • भारत सरकार के जहाजरानी मंत्रालय के अधीन इस परियोजना को प्रारंभ करने का निर्णय जुलाई 2015 में लिया गया। यह परियोजना वर्ष 2022 तक पूर्ण होगी तथा 2025 तक प्रचालन में आएगी इस परियोजना की कुल लागत 7 लाख करोड़ रुपए आंकी गयी है।
  • परियोजना के संचालन हेतु सागरमाला विकास प्राधिकरण (SDA) का गठन किया गया है। इस प्राधिकरण के माध्यम से मेरीटाइम डेवेलपमेंट सेस (MDC) वसूला जाएगा जिससे परियोजना की वित्तीय व्यवस्था होगी। 
  • इसके अलावा सरकार ने बन्दरगाह के विकास के क्षेत्र में 100% FDI की छूट भी दी है साथ-साथ PPP मॉडल को भी अपनाया जा रहा है ताकि परियोजना की वित्तीय आवश्यकताएं पूर्ण हो सके। चेन्नई में मेरीटाइम विश्वविद्यालय स्थापित करने तथा नवीन भूमि अधिग्रहण नीति लायी गयी ताकि परियोजना को समय पर अंतिम रूप दिया जा सके।
  • इस परियोजना के अंतर्गत गुजरात से लेकर पश्चिम बंगाल तक 9 राज्यों की तटवर्ती सीमा तथा 3 केंद्र शासित प्रदेशों के तटीय क्षेत्रों का समग्र विकास किया जाएगा। जिससे भारत की 7516.6 km लम्बी तट रेखा का उपयोग और प्रभावी रूप से हो सकेगा।


महत्त्व :-



  • वर्तमान में भारत के कुल विदेशी व्यापार का 95% समुद्री मार्ग से होता है तथा मूल्यों का आधार पर 70% व्यापार समुद्री रास्ते से होता है ऐसे में अगर बन्दरगाहों एवं तटीय क्षेत्र का ढांचागत विकास किया जाए तो अर्थव्यवस्था में विकास सम्भव है।
  • इन 9 तटीय राज्यो में कुल जनसंख्या का 20% हिस्सा निवासित है जो कि कुल जीडीपी का 60% वहन किये हुए हैं। इन क्षत्रों का विकास किया जाए तो जीडीपी में वृद्धि होगी।
  • वर्तमान में इन क्षेत्रों की कमज़ोर आधारभूत संरचना के चलते माल की स्थलीय भागों तक पहुंच देर से तथा अधिक लागत से होती है जिससे न केवल वस्तुएँ महंगी होती हैं बल्कि अपनी गुणवत्ता भी खो देती हैं।
  • लम्बी तट रेखा का उपयोग करके ब्लू इकॉनमी को बढ़ावा दिया जा सकता है।


परियोजना के उद्देश्य :-




  1. भारत के सभी लघु व वृहद बन्दरगाहों का आधुनिकीकरण करना तथा नवीन बन्दरगाहों का निर्माण करना जिससे व्यापारिक सुविधाएं तथा माल परिवहन में आसानी हो।
  2. बन्दरगाह क्षेत्रों में औद्योगीकरण, नगरीकरण, औद्योगिक क्लस्टर विकसित किये जाएंगे जिससे तटवर्ती क्षेत्रों का ढांचागत सुधार होगा, लाखों की संख्या में रोज़गार सृजन होगा, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा मानव विकास को बल मिलेगा।
  3. सड़क मार्ग, रेलमार्ग तथा आंतरिक जल मार्ग विकसित किये जाएंगे जिससे माल आसानी से स्थल से बन्दरगाह तक तथा बन्दरगाह से स्थल क्षेत्र तक त्वरित रूप से तथा कम लागत पर पहुंचाया जाएगा।
  4. 6 मेगापोर्ट का विकास करने के साथ-साथ वर्तमान बन्दरगाहों को विश्व स्तरीय बनाया जाएगा ताकि वैश्विक व्यापार में अपना योगदान बढ़ सके।
  5. कांडला व पारादीप बन्दरगाह को ग्रीन स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा।
                                   
                                                                इस प्रकार इस परियोजना के माध्यम से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से बन्दरगाह आधारित विकास तथा 9 राज्यों एवं 3 केंद्रशासित प्रदेशों के तटीय क्षेत्रों का समग्र विकास किया जाएगा जिससे वैश्विक व्यापार में वृद्धि होगी, तटीय क्षेत्र के लोगों का चतुर्दिक विकास होगा, ब्लू इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा जिससे जीडीपी में वृद्धि होगी तथा माल परिवहन सस्ता व सुलभ रूप से होगा।

धन्यवाद


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