16 April, 2017

वन बेल्ट वन रोड परियोजना (PART : 2)



भाग-1 में मैंने (Ganpat Singh) परियोजना का परिचय , चीन के उद्देश्य ,परियोजना हेतु वित्तीयन व्यवस्था का समावेशन किया था। 
#भाग -2 में आज के आलेख में परियोजना के दोनों भागों की संक्षिप्त जानकारी तथा भाग प्रथम(बेल्ट परियोजना) की योजनाओं- यूरोप-चीन रेलवे लाइन तथा चीन-तेहरान रेलवे लाइन का परिचय दे रहा हूँ।
#भाग-3 में बेल्ट परियोजना की CPEC योजना तथा भारत -चीन आर्थिक गलियारा का परिचय दूंगा।
#भाग-4 में परियोजना का द्वितीय भाग(रोड परियोजना) की संक्षिप्त जानकरी तथा उसकी उप-योजनाओं का परिचय दूंगा।
#भाग-5 में सम्पूर्ण परियोजना व भारत का पक्ष , चिंताएं, चुनौतियों तथा प्रतियुत्तर पर आलेख लिखूंगा।
अतः सभी मित्रों से निवेदन है कि सभी 5 भागों के आलेख आप अपनी समसामयिकी बुकलेट में लिखते रहे , जिससे यह चर्चित व सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा अच्छे से तैयार हो जाएगा।
[भाग-2]
चीन सरकार की यह सम्पूर्ण परियोजना 2 भागों में विभाजित की गई है यथा-(मानचित्र-2)
१.स्थल भाग(बेल्ट परियोजना):- यह भाग पूर्णतः स्थल खण्ड से सम्बंधित है,जिसका सागरीय क्षेत्र से कोई प्रत्यक्ष वास्ता नहीं है। इस परियोजना के अंतर्गत हाइवे,एक्सप्रेस वे, रेलमार्ग,तेल व गैस पाइपलाइन तथा इनके सहारे आधारभूत संरचना का विकास करके एक #आर्थिक_बेल्ट विकसित किया जा रहा है। इसे सिल्क रोड इकनोमिक बेल्ट(SREB) नाम दिया गया है। परियोजना का यह भाग चीन को रेल,सड़क तथा पाइपलाइन के जरिये मध्य एशिया,रूस,यूरोप से जोड़ेगा। इसके अंतर्गत अब तक मुख्य रूप से 4 उप योजनाओं का प्रारम्भ किया जा चुका है या पूर्ण हो चुकी है-
1.यूरोप-चीन रेल नेटवर्क
2.चीन- ईरान रेल मार्ग
3. चीन-पाक आर्थिक गलियारा(CPEC)
4. चीन- भारत आर्थिक गलियारा।
२. सागरीय भाग(रोड परियोजना):- यह भाग पूर्णतः सागरीय क्षेत्र से सम्बंधित है जिसका प्रत्यक्षतः स्थल भाग से कोई वास्ता नहीं हैं।यह परियोजना दक्षिण चीन सागर से होते हुए इंडोनेशिया,मलेशिया,मलक्का जलसन्धि,बंगाल की खाड़ी(कलकत्ता,श्रीलंका), अफ्रीका(केन्या),स्वेज़ नहर, तथा भूमध्यसागर होते हुए यूरोप तक जाएगा जहां बेल्ट क्षेत्र से जुड़ जाएगा। इस परियोजना में निम्न योजनाओं को शामिल किया गया है-
1. न्यू मेरीटाइम सिल्क रोड़,
2. स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स।
® #यूरोप_चीन_रेल_नेटवर्क (मानचित्र-3):-
चीन के यिवु प्रांत से लन्दन(ब्रिटेन) के मध्य हाल ही में चीन सरकार ने मालवाहक रेल का संचालन किया ,यह बेल्ट भाग की एक महत्त्वपूर्ण परियोजना है। 12000 km लम्बा यह रेल नेटवर्क अभी तक कुल 9 देशों(कज़ाकिस्तान,रूस,पोलेंड,बेलारूस,जर्मनी,फ्रांस, ब्रिटेन, इटली व स्पेन) से होकर गुज़र रहा है जो कि 18 दिन का समय ले रहा हैं। इस नेटवर्क का सबसे बड़ा फायदा यह है कि चीनी वस्तुओ को सस्ते दामों(परिवहन लागत कम होने के कारण) में , कम समय मे तथा बड़ी मात्रा में यूरोप एवं मध्य एशिया के बाजारों तक पहुंचाया जा सकेगा।
® #चीन_ईरान_रेलमार्ग (मानचित्र-1):-
चीन के यिवु प्रांत को तेहरान से जोड़ने वाला यह रेलमार्ग कज़ाकिस्तान, किर्गिस्तान,तुरकेमिनस्तान तथा ईरान को जोड़ता है। यह रेल नेटमार्ग मध्य एशिया में चीन के प्रभाव को सशक्त करेगा । चीन अपने निर्मित माल को निर्यात करेगा , कच्चे माल तथा तेल व गैस का आयात करेगा तथा निवेश के नाम पर अपने पास विद्यमान विदेशी मुद्रा का उपयोग भी करेगा।

धन्यवाद
आभार
Ganpat Singh


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वन बेल्ट वन रोड परियोजना (PART : 3)

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